पंजाब

भगवंत मान सरकार पंजाब को कार्बन-मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रयत्नशील,पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया प्लान

पंजाब राज्य में ऊर्जा संरक्षण को भगवंत उत्साहित करके लोगों के लिए साफ-सुथरा और हरा-भरा वातावरण यकीनी बनाने के लिए पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने आज यहां कनफैडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रियलिस्टज़ (सी. आई. आई) के उत्तरी क्षेत्र के हैडक्वाटर में सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से सम्मानित किया।

पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) की तरफ से करवाए गए राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण दिवस और अवार्ड समागम को संबोधन करते हुये श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार पंजाब को कार्बन-मुक्त करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है, इसलिए ऊर्जा की बचत की तरफ ध्यान केंद्रित किया गया है जिससे वातावरण को बचाने के लिए ग्रीन हाउस गैसों के निकास को घटाया जा सके।

पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया प्लान

कैबिनेट मंत्री ने कहा की बिजली उत्पादन के लिए रिवायती ईंधण पर निर्भरता बहुत ज्यादा है, जिससे प्रदूषण होने के साथ-साथ वातावरण के लिए खतरा पैदा होता है। उन्होंने जोर दिया कि उद्योगों के विस्तार और अन्य बुनियादी ढाँचे की जरूरत के मद्देनजर बिजली की मांग दिनों-दिन बढ़ रही है, इसलिए रिवायती ऊर्जा के विकल्प के तौर पर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, हाइडल और बायोमास को अपनाना समय की मुख्य जरूरत है। उन्होंने बताया कि पंजाब में लगभग 2150 मेगावाट क्षमता के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजैक्ट लगाए गए हैं, जो कुल स्थापित क्षमता का लगभग 16 प्रतिशत है। इसमें से राज्य में 1200 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए गए हैं।

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उन्होंने बताया कि इसके इलावा पंजाब ने राज्य में लागू कम्पोजिट क्लाइमेट जोन के लिए नेशनल एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड में संशोधन करके पंजाब एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड (ई. सी. बी. सी) को विकसित करने और नोटीफायी करने में अग्रणी भूमिका निभायी है।

इसको इमारती कानूनों में शामिल करके लागू किया जा रहा है। नयी बनने वाली व्यापारिक इमारतों में 8 प्रतिशत वृद्धि को ध्यान में रखते हुये पंजाब ई. सी. बी. सी. के प्रयोग से 18 मिलियन यूनिट बिजली का उपभोग घटेगा, जिससे 15 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड की निकासी में कमी आयेगी, जो प्रति साल 6 लाख वृक्ष लगाने के बराबर है।

लोगों को ऊर्जा के संयम प्रयोग करने की अपील करते हुये अमन अरोड़ा ने कहा कि ऊर्जा कुशल डिजायन, बिल्डिंग सामग्री और ऊर्जा संरक्षण बिल्डिंग कोड का प्रयोग करते हुये व्यापारिक क्षेत्र में ऊर्जा की बचत करना इमारतों में ऊर्जा बचाने के मुख्य प्रयासों में से एक है। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा कुशलता के क्षेत्र में पहलकदमियां करने के लिए पेडा के प्रयत्नों की भी सराहना की।

पेडा के चेयरमैन एच. एस. हंसपाल ने बिजली की मांग और सप्लायी के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए राज्य में ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा कुशलता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और ऊर्जा के संरक्षण और ऊर्जा कुशलता के उपायों को अपनाते हुए समझदारी से ऊर्जा का प्रयोग करने पर जोर दिया।

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पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुमित के. जारंगल ने राज्य में ऊर्जा संरक्षण प्रोग्रामों के अंतर्गत की पहलकदमियों के बारे रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के बारे जागरूकता अलग-अलग हिस्सेदार विभागों के सलाह-मश्वरे से वर्कशापों/सैमीनारों के द्वारा और परिवहन, इमारतों, उद्योग क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण नीतियाँ लागू करके पैदा की जा रही है।

इससे पहले पेडा ने ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा कुशलता पर अनुसंधान और विकास के द्वारा नये प्रोजेक्टों को उत्साहित करने के लिए 13 नामवर इंजीनियरिंग संस्थाओं/यूनिवर्सिटियों के साथ समझौता सहीबद्ध किया। डॉ. जारंगल ने कहा कि पेडा उन संस्थाओं/यूनिटों को “प्रांतीय मान्यता“ भी दे रहा है, जिन्होंने पंजाब में साल 2020-21 और 2021-22 के दौरान ऊर्जा के कुशल प्रयोग, प्रबंधन और संरक्षण के लिए और ज्यादा प्रयत्न किये हैं।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने इमारतों और उद्योगों में ऊर्जा कुशल सामग्री के प्रयोग सम्बन्धी अलग-अलग हिस्सेदार विभागों/संस्थाओं से आए नुमायंदों के लिए प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

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