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बजट समेत तीन विधेयकों पर 11 मिनट में लगी मुहर, धनखड़ बोले- चर्चा का समय यूज न होना दुर्भाग्यपूर्ण

राज्यसभा ने सोमवार को अदाणी मुद्दे पर विपक्ष के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच एकसाथ ही जम्मू-कश्मीर बजट, वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक पर मुहर लगा दी। हंगामे के कारण इनमें से किसी विधेयक पर एक पंक्ति की भी चर्चा नहीं हो पाई। महज ग्यारह मिनट में तीनों विधेयकों को पारित कर वापस लोकसभा को भेज दिया गया। इन विधेयकों को लोकसभा में पहले ही पारित कराया जा चुका है। राज्यसभा की ओर से संशोधित वित्त विधेयक को लोकसभा से मंजूरी देने के साथ ही बजट को पारित कराने की प्रक्रिया पूरी हो गई।

उच्च सदन में दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य पहले की तरह नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने पहले जम्मू-कश्मीर बजट, विनियोग विधेयक और इसके बाद वित्त विधेयक को पारित कराया। भारी शोरशराबे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेंशन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लोकसभा में उनकी ओर से किए गए समिति गठन के प्रस्ताव की जानकारी दी।

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विधेयकों को पारित कराने के बाद उन्होंने सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। हालांकि, हंगामा जारी रहने के कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। सभापति धनखड़ ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटे का सदस्यों के उपयोग नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

सरकार ने निपटाए बजट सत्र से जुड़े सभी अहम काम
बजट सत्र के दूसरे चरण की सभी दस बैठकें हंगामे के नाम रहीं। हालांकि, विपक्ष से तकरार के बीच सरकार ने सभी अहम कामकाज निपटा लिए हैं। सरकार की सबसे बड़ी चिंता वित्त विधेयक, जम्मू-कश्मीर का बजट, विनियोग विधेयक और मंत्रालयों की अनुदान मांगें थीं। इन्हें हर हाल में 31 मार्च तक पारित कराया जाना जरूरी था। तकरार के बीच सरकार ने बीते हफ्ते ही इस ओर ध्यान देना शुरू किया। पहले हंगामे के बीच लोकसभा और सोमवार को राज्यसभा में वित्त प्रबंधन से जुड़े सभी अहम कार्य निपटा लिए।

राज्यसभा के संशोधन को मिली मंजूरी
लोकसभा ने वित्त विधेयक में किए गए संशोधन को मंजूरी दी। इस आशय का प्रस्ताव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रखा। इससे पहले उन्होंने वित्त विधेयक 2023 में संशोधन को उच्च सदन में पेश किया था। इसमें प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) पर कर दर के संबंध में एक त्रुटि को ठीक करने की मांग की गई थी। पेश संशोधन में विकल्पों पर प्रतिभूति लेनदेन कर 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0625 प्रतिशत करने और वायदा अनुबंधों पर 0.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0125 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

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लोकसभा ने 64 को दी थी मंजूरी
लोकसभा ने शुक्रवार को हंगामे के बीच मात्र 12 मिनट में वित्त विधेयक को मंजूरी दी थी। लोकसभा में वित्त विधेयक पर 64 आधिकारिक संशोधन पेश किए गए थे। निचले सदन से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा था कि विकल्प कारोबार पर एसटीटी में बदलाव के संबंध में संशोधनों में ‘टाइपोग्राफिक’ गड़बड़ी थी। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि इस गड़बड़ी को प्रक्रिया के तहत सुधारा जाएगा।

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