पंजाब

मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के बकाया मसलों के 31 मार्च तक समाधान के लिए कमेटी का गठन

Story Highlights
  • शहीद किसानों के वारिसों को नौकरी व मुआवज़ा
  • पंजाब भवन में किसान यूनियनों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता की
  • राज्य के पानी की हरेक बूँद बचाने की वचनबद्धता दोहराई
  • ज़मीन का सहमति से बंटवारा करने के लिए विशेष मुहिम चलाने का आदेश
चंडीगढ़, 19 दिसंबर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने काले कानूनों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान शहादतें प्राप्त करने वाले किसानों के वारिसों को मुआवज़े और नौकरियों सहित अन्य लम्बित मसलों के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया।
यहाँ पंजाब भवन में अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कमेटी का नेतृत्व कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां करेंगे, जबकि सीनियर आई. ए. एस. अधिकारी और किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि और कृषि माहिर सदस्यों के तौर पर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की माँगें जल्दी से जल्दी पूरी करनी यकीनी बनाने के लिए यह कमेटी 31 मार्च 2024 तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के अन्नदाताओं की भलाई के लिए वचनबद्ध है और इसलिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
एक अन्य एजंडे के बारे चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने पंजाब के पास अन्य राज्यों के लिए पानी की एक बूँद भी अतिरिक्त न होने की बात दोहराते हुये कहा कि वह 28 दिसंबर को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री द्वारा बुलायी मीटिंग में ज़रूर शामिल होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मीटिंग में वह पंजाब का पक्ष मजबूती से केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और मीटिंग में यह बात ज़ोरदार ढंग से रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि वह किसी से डरते नहीं हैं और केंद्र सरकार की तरफ से बुलायी मीटिंग के दौरान वह राज्य के हितों की रक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली जनवरी से 13 अप्रैल तक विशेष मुहिम चलाई जायेगी, जिस दौरान ज़मीन का सहमति से बटवारा करने के लिए गाँवों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने किसानों को भरोसा दिया कि अगर किसानों का ज़मीन के स्वामित्व के कोई विवाद नहीं होगा, वहाँ ज़मीन का स्वामित्व कब्ज़े के आधार पर कर दिया जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जो किसान सहमति से ज़मीन का बटवारा करवाना चाहते हैं, उनको इससे काफ़ी लाभ होगा।
एक अन्य किसान हितैषी फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने गाँवों में सहकारी सभाओं में नये खाते खोलने पर लगी रोक हटाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब किसान इन सभाओं में अपने खाते खोल सकते हैं जिससे उनको बड़ा लाभ मिलेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मौजूदा वित्तीय साल के अंत तक किसानों का हर तरह का बकाया मुआवज़ा जारी कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरहन्द फीडर के टेलों पर पानी मुहैया करवाने के लिए लगाऐ गए 242 लिफ़्ट पंपों को एक जनवरी से मुफ़्त बिजली मिलनी शुरू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि आवारा और जंगली जानवरों से निपटने के लिए सरकार किसानों को पर्मिट देने पर विचार कर रही है क्योंकि यह जानवर किसानों की फसलों का बर्बादी करते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के सहकारी बैंकों के कजऱ्े के एकमुश्त निपटारे के मसले को नाबार्ड के पास विचारेगी।
एक अन्य मसले पर मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि राज्य में बिजली के वितरण का काम किसी प्राईवेट एजेंसी को नहीं दिया जायेगा। एक अन्य मामले पर भगवंत सिंह मान ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों का हक है और राज्य सरकार किसानों की सहायता के लिए हरेक कदम उठाऐगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए फ़सल का समर्थन मूल्य यकीनी बनाने के लिए कानूनी, प्रशासनिक और सभी ढंगों के द्वारा किसानों के साथ डट कर खड़ी रहेगी।

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