अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए सजा कुरुक्षेत्र, 17 दिसम्बर को कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे देश के उपराष्ट्रपति
कुरुक्षेत्र (विनोद खुंगर)। कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 के सरस और शिल्प मेले का आगाज 7 दिसंबर को होने जा रहा है। इस शिल्प और सरस मेले का शुभारंभ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय करेंगे। इसके साथ ही राज्यपाल 7 से 24 दिसंबर तक चलने वाले मीडिया सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे। इस शिल्प और सरस मेले में 24 राज्यों से आए लगभग 250 से ज्यादा शिल्पकारों ने अपनी शिल्पकला को सजाना शुरू कर दिया है। अहम पहलू यह है कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के कलाकार भी कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पहुंच चुके है।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 के कार्यक्रमों बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 17 से 24 दिसम्बर तक चलने वाले मुख्य कार्यक्रमों का शुभारम्भ 17 दिसम्बर को देश के उप राष्ट्रपति करेंगे। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के पावन ब्रह्मसरोवर के तट पर 7 दिसंबर को शिल्प एवं सरस मेले से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव शुरु होगा।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में दीपोत्सव, संत सम्मेलन, तीर्थ सम्मेलन, राज्य स्तरीय प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इस महोत्सव को यादगार बनाने में असम का पैवलियन भी अहम भूमिका अदा करेगा। इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक होंगे।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गीता स्थली कुरुक्षेत्र में 18 दिन अध्यात्म, संस्कृति, ज्ञान एवं कला का संगम नजर आएगा। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के 8वें संस्करण में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य मेहमान होंगे। ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता पूजन के साथ महोत्सव की शुरुआत करेंगे, वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहेंगे। महोत्सव में असम पार्टनर स्टेट होगा, जिसमें असम की संस्कृति, कला एवं खान-पान से लेकर जीवनशैली को प्रदर्शित किया जाएगा।
गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप भी मिल चुका है, अभी तक मॉरीशस, कनाडा, आस्ट्रेलिया और लंदन में महोत्सव का आयोजन हो चुका है, वर्ष 2024 में यूएसए में गीता महोत्सव मनाया जाएगा, वहीं श्रीलंका की ओर से भी गीता आयोजन का निमंत्रण भेजा गया है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 22 दिसंबर को संत सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के संत महात्माओं द्वारा नशा मुक्ति का संदेश दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान गीता की महत्ता व अध्यात्म और धर्म से जुड़े मसलों पर भी मंथन होगा। मगर उन्होंने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद से आग्रह किया है कि संत सम्मेलन में नशे के दुष्परिणाम और उससे मुक्ति दिलाने के उपायों को भी सुझाया जाए।