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गुना जिला अस्पताल में मॉकड्रिल तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू

गुना जिला अस्पताल में मॉकड्रिल तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू कोविड के संभावित खतरे को देखते हुए जिले की सभी संस्थाओं में मॉकड्रिल आयोजित की गयी। जिला अस्पताल में मॉकड्रिल शुरू हो गयी है। सुबह 10 बजे से मॉकड्रिल शुरू हुई। इसमे जिला अस्पताल में संचालित ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सिलेंडर, ऑक्सीजन लाइन आदि को चला कर देखा गया।

जिला अस्पताल में स्थित तीनों प्लांट चालू किये गए। हर घंटे में ऑक्सीजन प्लांट की प्यूरिटी चेक की जाएगी, ताकि इसकी शुद्धता को जांचा जा सके। जिला अस्पताल में बने तीन ऑक्सीजन प्लांट में दो में ऑक्सीजन का प्यूरिटी लेवल 90 से ऊपर रहा। एक प्लांट में शुरुआत में 88 आया।

इसके अलावा सक्शन पंप का स्टार्टर खराब मिला। उसके स्विच काम नहीं कर रहे थे। CMHO ने स्टार्टर को बदलने के निर्देश दिए। बेड और ICU में ऑक्सीजन का प्रेशर पर्याप्त रहा।

सबसे पहले सैंपलिंग से शुरुआत की गई। एक काल्पनिक मरीज को सैंपल देने के लिए भेजा गया। सैंपल रूम में मौजूद स्टाफ ने उसके सैंपल लिए। यहां तीन कर्मचारियों का स्टाफ लगाया गया है। उसकी रजिस्टर में एंट्री की गई। उसके बाद मरीज को जांच संबंधी पर्चा दिया गया।

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बता दें कि वर्तमान में जिला अस्पताल में तीन ऑक्सीजन प्लांट हैं। इसमे दो हवा से ऑक्सीजन बनाने वाले और एक लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट है। तीन और ऑक्सीजन प्लांट आरोन, चांचौड़ा और बमोरी में हैं। इसके अलावा 350 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भी जिला अस्पताल में उपलब्ध हैं। एक ICU भी रिज़र्व किया गया है।

अभी एक वार्ड को भी इलाजे के लिए तैयार किया गया है, जिसमे ऑक्सीजन युक्त 60 बेड हैं। जिला अस्पताल में 8 वेंटीलेटर भी चालू हालात में हैं।

कोरोना संकट गहराया तो स्वास्थ्य तंत्र किस तरह काम करेगा ? अचानक बढ़े मरीजों की सैंपलिंग कैसेकी जाएगी? अस्पताल लाए गए मरीजों को किस रास्ते से कोविड वार्ड ले जाया जाएगा? बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट जरूरत के वक्त चलेंगे भी या नहीं? इन सभी सवालों का जवाब सोमवार को तय किए गए। ऐसा इसलिए क्योंकि मंगलवार को देशभर में कोविड की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल की गयी। इससे पहले सोमवार को तैयारियां पूरी की गईं थीं।

अभी तक यह तैयारियां की गई

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रूट अगर कोई कोविड मरीज अस्पताल लाया जाता है तो एंबुलेंस को मुख्य मार्ग से नहीं लाया जाएगा। एंबुलेंस सीएमएचओ ऑफिस के सामने से होते हुए पीछे की ओर प्रसूता वार्ड के पास बने कोविड वार्ड लाया जाएगा।

वार्ड यह बनकर तैयार है। अभी एकहॉल में करीब 20 पलंग बिछाए गए हैं। इसी भवन में आईसीयू भी है, जहां गंभीर मरीजों को रखा जा सकता है।

ऑक्सीजन एक साल से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट सोमवार को चलाकर देखे गए। अभी इनकी जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि अस्पताल के लिए जरूरी उस प्लांट से हो जाती है, जिसमें टैंकर से ऑक्सीजन लाकर भरी जाती है।

सैंपलिंग सैंपलिंग का काम भी 9 दिसंबर के बाद से आधिकारिक रूप से बंद है। सोमवार को इसे फिर से चालू करने की तैयारी की गई।

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