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RAIPUR CRIME NEWSबच्चों से करवाता था झाड़ू पोंछा ,अदालत ने भेज दिया जेल

RAIPUR CRIME NEWS आदिवासी बच्चों पर अत्याचार करने के बहुचर्चित मामले में पूर्व स्कूल संचालक सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा उर्फ वृषांक सतीश कश्यप को विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज) हिरेंद्र सिंह टेकाम ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह मामला वर्ष 2015 का है। दरअसल देवेंद्र नगर इलाके में स्थित वेदांता स्कूल के संचालक सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा पर फर्जी तरीके से स्कूल की मान्यता बनाकर आदिवासी बच्चों को पढ़ाने के नाम पर उन्हें लोगों के घर में काम कराने के लिए खरीद-फरोख्त करने का आरोप है। मामला सामने आने के बाद कबीर नगर पुलिस थाने में स्कूल की मान्यता फर्जी तरीके से लेने पर धोखाधड़ी के साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर 21 जुलाई, 2015 को आरोपित सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया।

कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2014-15 के लिए आदिम जाति विद्यार्थी योजना के तहत कक्षा छठवीं में चयनित बालक प्रदीप कुरेटी, कुशल पात्र, मयंक मरकाम (अब वयस्क) को देवेंद्र नगर स्थित वेदांता पब्लिक स्कूल में प्रवेश दिलाने का निर्देश आदिम जाति विभाग ने दिया था। इन बच्चों के स्वजन ने वेदांता स्कूल के संचालक व कबीर नगर फेस चार, मकान नंबर एमडी 119 निवासी सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा (42) से संपर्क कर अपने बच्चों को अग्रिम शिक्षा के लिए सुपुर्द किया था। कुछ दिन बाद घर लौटने पर बालकों ने स्वजन को बताया कि स्कूल संचालक व उनकी पत्नी द्वारा अपने घर में झाड़ू-पोंछा करवाया जाता है। पीड़ित कुशल पात्र के पिता ने विधायक को इसकी जानकारी दी। आरोपित के घर जाने पर बालकों को बंधक बनाकर रखना पाया गया। प्रशासन की टीम ने इन बच्चों को सकुशल छुड़ाकर कबीर नगर पुलिस थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपित सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा के खिलाफ धारा 370, 420,467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया।

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विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज) हिरेंद्र सिंह टेकाम ने मामले की सुनवाई करते हुए स्कूल संचालक सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा के खिलाफ मिले ठोस सुबूतों और गवाहों के आधार पर दोषी करार देते हुए धारा 370 में 14 वर्ष सश्रम कारावास, एक हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 420 में सात वर्ष सश्रम कारावास, एक हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 467 में दस वर्ष, धारा 468 में सात वर्ष, धारा 471 में दस वर्ष सश्रम कारावास के साथ एक-एक हजार रुपये अर्थदंड और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास के साथ एक हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया। अर्थदंड की राशि का भुगतान न करने पर आरोपित को प्रत्येक अपराध में एक-एक वर्ष का अलग से कारावास भुगतनी पड़ेगी। आरोपित 154 दिन जेल में रहा है। इस अवधि को दी गई मूल कारावास में समायोजित करने कोर्ट ने आदेश दिया है। आरोपित सतीश उर्फ क्षितिज शर्मा मूलत: बिहार के गया जिले के बुनियाद गंज इलाके के पंडरिया मोहल्ले का रहने वाला है। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक निलेश ठाकुर ने पैरवी की।

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