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उज्जैन में अलसुबह से शुरू हुआ फव्वारा स्नान, रात में ही घाटों पर पहुंच गए श्रद्धालु

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का बहुत महत्व है। मौनी संयोग के चलते ये महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।

मोक्षदायिनी मां शिप्रा के जल से स्नान करने शनिवार तड़के से ही बड़ी संख्या में भक्त उमड़ने लगे थे। हजारों श्रद्धालुओ ने त्रिवेणी संगम पर फव्वारा स्नान कर धर्मलाभ अर्जित किया और जिला प्रशासन की बेहतरीन व्यवस्था को सराहा। बता दें कि आज शनिश्चरी और मौनी अमावस्या का संयोग बना है।

उज्जैन प्रशासन आज उमड़ने वाले श्रद्धालुओं की संभावना को देखते हुए कई तैयारियां की थीं। त्रिवेणी घाट पर जाने के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग की गई थी जहां अलग-अलग घाट पर स्नान की व्यवस्था भी रही। महिला और पुरुषों के लिए दोनों ही घाटों पर फव्वारे लगाए गए थे। स्नान के बाद लोगों ने दान कर पुण्य कमाया।

पर्व स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं, जिसे देखते हुए घाट पर फव्वारे लगाए गए थे। ताकि श्रद्धालु नदी मे जाने की बजाय यहीं स्नान कर लें। इससे घाट पर होने वाली भगदड़ व स्नान के दौरान अधिक पानी में जाने से होने वाली घटना का भय भी समाप्त हो गया।

त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का है विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का बहुत महत्व है। मौनी संयोग के चलते ये महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। यही वजह है कि प्रशासन को पहले ही श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा पड़ने का अनुमान था। इसी को देखते हुए त्रिवेणी संगम पर तमाम व्यवस्थाएं जुटाई गई थीं।

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शनिश्चरी अमावस्या का स्नान भले ही आज सुबह से प्रारम्भ हुआ हो, लेकिन हजारों की संख्या में ग्रामीण अंचल से श्रद्धालु शुक्रवार रात्रि को ही त्रिवेणी संगम पहुंच गए थे। इन श्रद्धालुओ ने रात्रि में शिप्रा किनारे ही भजन-कीर्तन किया और अलसुबह स्नान, दर्शन और दान पुण्य कर धर्मलाभ अर्जित किया।

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