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चूहों ने ऐसा बरपाया कहर, अब अस्पताल प्रशासन ने पकड़ने के लिए निकाला टेंडर

कैथल, 25 नवंबर: डॉक्टरों की कमी से थोड़ी-बहुत परेशानी तो झेल ही रहे थे, लेकिन चारों ओर दौड़ रहे चूहों ने मरीजों और तीमारदारों की नाक में दम कर दिया है। आलम यह है कि तीमारदार रातभर जगकर अपने परिजन को इन चूहों से दूर रखने की जुगत में लगे रहते हैं। अस्पताल का स्टाफ भी भयभीत है। अब अस्पताल प्रशासन ने चूहों को पकड़ने के लिए टेंडर निकाला है। ये चूहे कई बार फाइलों एवं दवाइयों को भी कुतर देते हैं।

अस्पताल के ग्राउंड फलोर पर चूहों का आतंक ज्यादा है। महिला एवं प्रसूति वार्ड के पास बने स्तनपान कक्ष में तो चूहों का ही राज है। ‘दैनिक ट्रिब्यून’ संवाददाता ने खुद मरीज के बिस्तर पर चूहों की उछल-कूद देखी। यहां आईं एक महिला मायापति ने बताया, ‘हम मरीज के पास पैर नीचे लटकाकर नहीं बैठते, डर लगा रहता है कि कहीं चूहा न काट ले।’ अस्पताल में कार्यरत वार्ड अटेंडेंट व सफाई कर्मचारियों का कहना है कि चूहों के कारण उन्हें भी बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। इन्हें पकड़ने के लिए चूहेदानियां रखी हैं, लेकिन ये उसमें फंसते ही नहीं।  मरीजों से मिलने आए लोगों ने चूहों के ‘आतंक’ को घोर लापरवाही करार दिया। कई लोगों ने कहा कि उनकी आंखों के सामने बड़े-बड़े चूहे मरीजों के बिस्तरों के पास घूमते हैं। रात में तो ये बिस्तर पर ही देखे जा सकते हैं।

करेंगे स्थायी प्रबंध : सीएमओ

इस बारे में जब सीएमओ डाॅ. अशोक से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘आज ही हमने टेंडर निकाला है। वैकल्पिक व्यवस्था हमने कर रखी थी। लेकिन अब टेंडर लगने के 10-15 दिन बाद यह व्यवस्था हो जाएगी। इसके बाद अस्पताल में चूहों की समस्या नहीं रहेगी। चूहों को पकड़ने के लिए स्थायी प्रबंध किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि करीब 10-15 हजार रुपए प्रति माह का यह खर्च होगा।

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