मुख्यमंत्री ने लोहारू विधानसभा क्षेत्रवासियों को 112 करोड़ रुपये की परियोजनाएं की समर्पित
चंडीगढ़, 24 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार भी किसान हितैषी सरकार है और किसान व कृषि हमारी नीतियों के सदैव केंद्रीय बिंदु रहे हैं। किसानों के लिए हमारी सरकार ने निरंतर कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, जिनका लाभ उन्हें मिल रहा है। हमारी सरकार किसानों के हित में निर्णय लेती है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा किसानों को कमजोर करने का काम किया है और उन्हें हमेशा गुमराह कर उनका अहित किया है।
मुख्यमंत्री आज चौधरी चरण सिंह की जयंती पर राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर जिला भिवानी के गांव सिंघानी में आयोजित अन्नदाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
किसानों के नाम पर राजनीति करने वालों से किसानों को सावधान रहना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को जागरूक होकर आगे बढ़ना सीखना चाहिए। जो लोग किसानों के साथ राजनीति करते हैं, उनको पहचाना चाहिए, ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। ऐसे लोग जो हर जगह जाकर किसानों का नाम लेकर धरना दते हैं, रास्ते रोकते हैं, इनसे सावधान रहना है।
उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल द्वारा रखी गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हुए कहा कि अधिकारियों से इनकी व्यवहार्यता का अध्ययन करवाया जाएगा और प्रक्रियानुसार सबको पूरा करेंगे।
112 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए हैं। विकास कार्यों की दृष्टि से आज भी लोहारू विधानसभा क्षेत्र के लिए 112 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया गया। अभी तक के 9 साल के दौरान राज्य सरकार ने भिवानी जिले में विकासात्मक कार्यों के लिए 13,800 करोड़ रुपये मंजूर किये, जिसमें से 10,400 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं और शेष परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। इतना ही नहीं, अकेले लोहारू विधानसभा क्षेत्र में 3927 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिनमें से अभी 2421 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और 1500 करोड़ रुपये के कार्य पाइपलाइन में हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए बहुत सी योजनाएं बनाई हैं, जिनका लाभ गांवों को मिल रहा है। अब किसान को किसी भी कार्य के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। केवल मेरी फसल मेरा पोर्टल पर अपनी फसल का ब्यौरा दर्ज करवाना है, उसकी बिक्री की व्यवस्था सरकार करेगी और खरीद के बाद उसका पैसा सीधा किसानों के खातों में पहुंचता है। पहले किसानों को आढ़तियों के पीछे घूमना पड़ता था, लेकिन अब पैसा किसानों को ही मिलता है।