बॉक्सिंग डे टेस्ट में यशस्वी जायसवाल की पारी की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। यशस्वी के बचपन के कोच ज्वाला सिंह का मानना है कि यशस्वी मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। आशा है कि सिडनी में भी वह अच्छा खेले और टीम को जीत दिलाए। मेलबर्न में मैच देखने आए ज्वाला सिंह से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
आपके शिष्य ने एमसीजी में अद्भुत पारी खेली। इस पर क्या कहेंगे?
बहुत अच्छा लग रहा है। भारतीय टीम को इस मैच में जिस पारी की आवश्यकता थी, वो यशस्वी ने खेली। वह मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया।
अब सिडनी में आप उसे क्या सलाह देना चाहेंगे क्योंकि जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो आप से उम्मीदें बहुत ज्यादा होती हैं?
भारतीय टीम के लिए ये सीरीज मिश्रित रही है। बल्लेबाजों ने टुकड़ों में प्रदर्शन किया है, जैसे विराट ने भी शतक लगाया, केएल राहुल ने भी रन बनाए। यशस्वी ने रन बनाए और एमसीजी में नीतीश रेड्डी ने शतक लगाया। उम्मीद है कि सिडनी में टीम अच्छा खेलेगी और जिस तरह से यशस्वी ने पहले टेस्ट मैच में खेला और फिर एमसीजी में अच्छी पारी खेली। उम्मीद है कि वह सिडनी में भी अच्छा खेले और भारतीय टीम को मैच जिताए।
नीतीश ने भी इस मैच में शतकीय पारी को लेकर क्या कहेंगे?
मैंने देखा कि जब नीतीश ने शतक लगाया तो उनके परिवार के सदस्य मेरे पीछे ही बैठे थे। उनकी मां और बहन वहां थीं, मैं उन्हें नोटिस कर रहा था क्योंकि मैं भी उनकी पारी से रिलेट कर पा रहा था, जब वह 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था।मैं उनके परिवार को देख रहा था, जब बुमराह रन आउट हुआ तो वे सब काफी तनाव में थे। जब नीतीश ने शतक लगाया तो वे सब खुशी से नाच रहे थे। इंटरनेट पर एक फोटो भी प्रसारित हुआ उनके पिता का।
मुझे लगता है कि परिवार के लिए यह बहुत बड़ा पल था क्योंकि कोई खिलाड़ी अपनी पहली सीरीज में और वह भी ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाता है तो यह बहुत बड़ी बात है। मुझे लगता है कि किसी भी खिलाड़ी के लिए उसका परिवार और कोच सबसे ज्यादा अहम होता है। जब किसी कोच का शिष्य प्रदर्शन करता है तो लगता है कि आप प्रदर्शन कर रहे है। ये सभी के लिए गर्व का क्षण होता है।