टेस्ट से संन्यास की कगार पर खड़े कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली एक ही गलती बार-बार कर रहे हैं। वहीं भविष्य के कप्तान के तौर पर देख जा रहे विकेटकीपर रिषभ पंत भी टेस्ट को टी-20 समझकर छक्का मारने की कोशिश में भारतीय टीम को हार की तरफ ढकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ रह हैं।
मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) में बार्डर-गावस्कर ट्राफी के बॉक्सिंग-डे टेस्ट के पांचवें दिन सोमवार की सुबह ही जसप्रीत बुमराह ने नाथन लायन को बोल्ड करके आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 234 रनों पर आलआउट कर दी। भारत को 340 रनों का लक्ष्य मिला जिसे वर्तमान भारतीय टीम के लिए पाना मुश्किल था, लेकिन उसे ड्रा कराने में तकलीफ नहीं होनी चाहिए थी।
इसके बावजूद भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध आसानी से घुटने टेक दिए। पहली पारी में 369 रन बनाने वाली भारतीय टीम दूसरी पारी में 79.1 ओवर में सिर्फ 155 रनों पर आलआउट हो गई। अगर उसके बल्लेबाज 12.5 ओवर और बल्लेबाजी कर लेते तो पांच मैचों की सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबरी पर रहती लेकिन अब आस्ट्रेलिया ने 2-1 से बढ़त ले ली है।
पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच तीन जनवरी से सिडनी में होना है। अगर रोहित की टीम वह मैच नहीं जीतती है तो उसे बार्डर-गावस्कर ट्राफी तो गंवानी ही पड़ेगी, साथ ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की दौड़ से भी टीम बाहर हो जाएगी।
खराब शाट के महारथी रोहित
बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित (09) पहली बार इस सीरीज में सॉलिड नजर आ रहे थे। रोहित अतिरक्षात्मक थे। उन्होंने पहली बार इस सीरीज में 40 गेंदें खेली लेकिन अब तक इस गावस्कर-बार्डर ट्राफी में सिर्फ एक बार 10 रन तक पहुंचे हैं। इस सीरीज में बुमराह 30 विकेट ले चुके हैं लेकिन रोहित सिर्फ 31 रन बना पाए हैं।
आस्ट्रेलिया के 11वें नंबर के खिलाड़ी स्काट बोलैंड ने इस मैच में 110 गेंदें खेली हैं और भारतीय कप्तान ने पूरी सीरीज में 110 गेंदें खेली हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनका क्या हाल है।
वह पहली पारी में भी भद्दा शाट लगाकर आउट हुए थे। राहुल को तीसरे नंबर पर ढकेलकर फिर से पारी की शुरुआत करने का रोहित का निर्णय गलत साबित हुआ। न वह प्रदर्शन कर पाए, न ही केएल राहुल के रन बने। राहुल भी बिना रन बनाए आउट हुए।