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36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का हुआ भव्य आगाज

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में फरीदाबाद जिला के सूरजकुंड में 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन किया। यह मेला 19 फरवरी तक चलेगा।

इस अवसर पर हस्तशिल्पियों व कलाकारों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल-इकोनॉमी के मामले में भारत विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश बन गया है, इसमें कला एवं शिल्पियों का अहम योगदान है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया उद्घाटन

उपराष्ट्रपति ने सूरजकुंड मेला को देश की विविध संस्कृतियों एवं कलाओं का संगम करार देते हुए कहा कि शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन देशों की इस मेले में भागीदारी एक ऐतिहासिक क्षण है।

न्होंने भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों की सांस्कृतिक महत्ता को देश के लिए गौरवशाली बताते हुए कहा इस मेले में पहुंचे इन राज्यों के कलाकार व शिल्पियों के रौनक से परिपूर्ण चेहरे दर्शा रहे हैं कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को प्रगति-पथ पर तेजी से अग्रसर किया है।

 

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में किया अभूतपूर्व विकास

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध है और इस विरासत को देश-दुनिया के स्तर पर ले जाने में प्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।

श्री धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है। सूरजकुंड मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलाने में मुख्यमंत्री का अहम प्रयास रहा है।

 

सूरजकुंड मेले में होता है एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन

सूरजकुंड मेले में होता है एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन- मनोहर लाल मुख्यमंत्री ने कहा कि देश -विदेश के कलाकारों व शिल्पकारों की कल्पनाओं से सराबोर कलाकृतियों से सुसज्जित इस हस्तशिल्प मेले की छटा देखते ही बनती है।

इस तरह के मेले शिल्पकारों को अपनी पसंद व कला के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करते हैं। यह मेला विविधता में एकता लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन कराता है।

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उन्होंने कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपनी कलाओं को संजोए रखें और अपनी इस कला को बांटे।

क्योंकि आधुनिक काल में भी इन कलाओं को बहुत पसंद किया जाता है।

हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत की पहचान विदेशों तक पहुंची

मुख्यमंत्री ने कहा पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले तथा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के माध्यम से हरियाणा की माटी की सौंधी महक विदेशों तक पहुंची हैं।

पिछले 35 वर्षों से सूरजकुंड मेला शिल्पकारों और हथकरघा कारीगरों को अपना हुनर प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच रहा है। यह मेला विभिन्न अंचलों की लोक-कलाओं, लोक-व्यंजनों, लोक-संगीत, लोक-नृत्यों और वेशभूषा से रू-ब-रू करवाता है।

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