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India-China: BRO ने शुरू किया काम, 135 किमी की सड़क चीन के लिए बनी सिरदर्द

India-China: सड़क सैनिकों के लिए आवाजाही और हथियारों की पहुंच के लिए तो महत्वपूर्ण है ही साथ में यह डुंगती में तिब्बती शरणार्थी बस्ती, आईटीबीपी हेना पोस्ट और फुकचे में अग्रिम लैंडिंग ग्राउंड तक भी तेजी से पहुंच प्रदान करेगी।

भारतीय सीमाओं को लेकर चीन का रवैया कभी भरोसे के लायक नहीं रहा। समय-समय पर चीन ऐसी हरकत जरूर करता है, जिससे उसकी ही कलई खुल जाती है। हालांकि, बीते कुछ वर्षों ने भारत के आक्रामक रुख ने चीन को कई मौकों पर पीछे धकेलने का काम किया है।

अब भारतीय सेना ने सीमाओं की निगेहबानी के लिए पूर्वी लद्दाख में एलएसी(LAC) के पास एक और सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है, जो चीनी सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है।दरअसल, सीमा सड़क संगठन ने एलएसी के पास 135 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है।

यह सड़क चुशुल और डेमचोक को जोड़ेगी, ये दोनों ही जगह रणनीतिक रूप से भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं। अनुमान है कि अगले दो साल में यह सड़क बनकर तैयार हो जाएगी और कई प्रमुख लोकेशन को जोड़ने में मदद करेगी।

सैनिकों की आवाजाही होगी आसान
यह सड़क भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहम है। सड़क सैनिकों के लिए आवाजाही और हथियारों की पहुंच के लिए तो महत्वपूर्ण है ही साथ में यह डुंगती में तिब्बती शरणार्थी बस्ती, आईटीबीपी हेना पोस्ट और फुकचे में अग्रिम लैंडिंग ग्राउंड तक भी तेजी से पहुंच प्रदान करेगी। अभी तक यह रास्ता रेतीला था, जिस पर सड़क बनाने की मांग कई सालों से उठ रही थी। वहीं चीन की ओर से इस सेक्टर में काफी काम किया जा चुका है।

चुशुल में लड़ी गई थी रेजांग ला की लड़ाई
यह सड़क जिन दो स्थानों चुशुल और डेमचोक को जोड़ती है, वह भारत के लिए काफी अहम हैं। दरअसल, 1962 में चुशुल में रेजांग ला की लड़ाई लड़ी गई थी। इसके अलावा डेमचोक में भी कई बार भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबर आ चुकी है। सड़क निर्माण से यहां सैनिकों और हथियारों की तैनाती काफी आसान हो जाएगी।

Sanjay Kumar Tiwari

Sanjay Kumar Tiwari बलिया जिला/उत्तर प्रदेश

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